Specifications
5 मुखी रुद्राक्ष की माला [0 Point] (Premium Quality)
Description
5 मुखी रुद्राक्ष माला :
पंच मुखी रुद्राक्ष का बहुत महत्व है। ऐसा माना जाता है कि इस रुद्राक्ष को भगवान कालाग्नि रुद्र के रूप में स्वयं भगवान शिव ने आशीर्वाद दिया है। जब कोई व्यक्ति इस रुद्राक्ष को बहुत ही भक्ति और ईमानदारी के साथ पहनता है, तो उसको सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है। कहा जाता है पंचमुखी रुद्राक्ष को विधिवत धारण करने से पंचब्रह्म की विशेष कृपा प्राप्त होती है। पंचब्रह्म में भगवान गणेश, भगवान शिव, शक्ति (देवी) भगवान विष्णु और सूर्य देव शामिल हैं।
यह जीवन के सभी क्षेत्रों में सफलता प्राप्त करने और ज्ञान, धन, शक्ति, प्रसिद्धि प्राप्त करने और लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करता है। कई बीमारियों के इलाज में भी इसका उपयोग अक्सर किया जाता है। यह आपके दुश्मनों को खत्म करने में भी बहुत कारगर है। इसे पहनने वाले भक्त पर सभी पांच ब्रह्मा प्रसन्न होते हैं। भक्त द्वारा किए गए सभी प्रयासों में भगवान रुद्र भी सफलता देते हैं। इसे पहनने वाले के पास रोग नहीं आते हैं।
पाँच मुखी रुद्राक्ष की सतह पर 5 प्राकृतिक रेखाएँ (मुख) होते हैं। इस रुद्राक्ष के अधिपति देवता भगवान “कलाग्नि” हैं जो भगवान शिव का ही एक रूप हैं। यह सबसे अधिक पाया जाने वाला रुद्राक्ष है और यह वर्तमान जीवन के “बुरे कर्मों” को नष्ट करने की क्षमता रखता है, जिससे पहनने वाला शुद्ध होता है और उसका मन शांत हो जाता है।
यह रुद्राक्ष वर्तमान जीवन में व्यक्ति द्वारा किए गए विभिन्न पापों को समाप्त करता है। इस रुद्राक्ष को प्राचीन ग्रंथों और लिपियों में बहुत माना गया है और इसे “देव गुरु रुद्राक्ष” की उपाधि दी गई है क्योंकि इसका शासक बृहस्पति ग्रह है जो देवताओं का गुरु है।
यह रुद्राक्ष आकस्मिक मृत्यु से सुरक्षा प्रदान करता है और किसी भी तरह के साध्य या ध्यान में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। पांच मुखी रुद्राक्ष पहनने वाले को नाम, प्रसिद्धि और मानसिक शांति प्रदान करता है।
आमतौर पर एक से लेकर चौदहमुखी रुद्राक्ष की माला बनाई जाती है। कहते हैं कि 26 दानों की माला सिर पर, 50 की गले में, 16 की बांहों में और 12 की माला मणिबंध में पहनने का विधान है। 108 दानों की माला पहनने से अश्वमेध यज्ञ का फल मिलता है। पद्म पुराण, शिव महापुराण अनुसार इसे पहनने वाले को शिवलोक मिलता है।
शिवपुराण में कहा गया है-
यथा च दृश्यते लोके रुद्राक्ष: फलद: शुभ:।
न तथा दृश्यन्ते अन्या च मालिका परमेश्वरि।।
अर्थात : विश्व में रुद्राक्ष की माला की तरह दूसरी कोई माला फल देने वाली और शुभ नहीं है।
श्रीमद् देवी भागवत में लिखा है-
रुद्राक्ष धारणच्च श्रेष्ठ न किचदपि विद्यते।
अर्थात : विश्व में रुद्राक्ष धारण से बढ़कर कोई दूसरी चीज नहीं है। रुद्राक्ष की माला श्रद्धा से पहनने वाले इंसान की आध्यात्मिक तरक्की होती है।
पंचमुखी रुद्राक्ष का महत्व और लाभ -
ज्योतिष शास्त्र की मानें तो जो कोई विधिवत पंचमुख रुद्राक्ष धारण करता है, उसे मानसिक शांति मिलती है. अनावश्यक मन विचलित और परेशान नहीं रहता है.
इस रुद्राक्ष को धारण करने से आध्यात्मिक शक्ति अर्जित करने में मदद मिलती है.
ज्योतिष के जानकार धन और समृद्धि पाने के लिए पांच मुखी रुद्राक्ष को धारण करने की सलाह देते हैं.
कहा जाता है कि जो कोई पंचमुखी रुद्राक्ष को विधिवत धारण करता है, उसे अकाल मृत्यु का भय नहीं सकता है. यानी यह कवच का काम करता है.
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, बृहस्पति के अशुभ प्रभाव से बचने के लिए 5 मुखी रुद्राक्ष पहनना शुभ रहता है.
पंचमुखी रुद्राक्ष शादीशुदा जीवन में सुख-शांति लाने में भी मददगार साबित होता है.
रुद्राक्ष : यह सर्वकल्याणकारी, मंगल प्रदाता एवं आयुष्यवर्द्धक है। पंचमुखी रुद्राक्ष मेष, धनु, मीन, लग्न के जातकों के लिए अत्यंत उपयोगी माना गया है। यह माला सामान्यत: सभी मंत्रों के जप के लिए उपयोगी मानी गई है।
धारण विधि :
शुक्ल पक्ष के किसी भी सोमवार को किसी मंदिर में या घर पर शिवलिंग के समक्ष सर्वप्रथम रुद्राक्ष माला को गोमूत्र, दही, शहद, कच्चे दूध और गंगाजल से स्नान करके शुद्ध करिए। तत्पश्चात "ॐ नमः शिवाय" की एक माला जाप कीजिए। फिर रुद्राक्ष माला को शिवलिंग का स्पर्श कराकर आपकी जो भी मनोकामना है वो बोलकर रुद्राक्ष माला धारण करें।।
Notes
नियम एवं शर्तें -
1- Premium Quality Original 5 Mukhi Rudraksh Mala.
2- माला 108 दाने की होगी.
3- माला की साइज़ 20 से 22 इंच है.
4- सम्पूर्ण भारत में डिलीवरी फ्री रहेगी.
5- डिलीवरी 5-7 कार्य दिवसों में होगी.
6- किसी भी प्रकार के संपर्क के लिए WhatsApp करें